हिमाचल ने लोकतांत्रिक विरासत को कायम रखा : रामनाथ कोविन्द
हिमाचल ने लोकतांत्रिक विरासत को कायम रखा
राष्ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को सम्बोधित किया
हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यत्व के स्वर्णिम वर्ष पर राष्ट्रपति ने प्रदेशवासियों को बधाई दी
Himachal has maintained its democratic legacy : भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में शुक्रवार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को सम्बोधित किया। हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यत्व के स्वर्णिम वर्ष का समारोह मनाने के लिए विधानसभा पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने स्वर्ण जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि विकास के मामले में सिरमैार बने हिमाचल पूरे विश्व के लिए एक माडल बने, और हिमाचल ने लोकतांत्रिक विरासत को कायम रखा है। केंद्र और राज्य सरकार बादल फटने की घटनाओं के लिए वैज्ञानिक समाधान विकसित करे। हिमाचल प्रदेश में आकर मुझे उर्जा मिलती है और 1974 में पहली बार कुल्लू मनाली आया और उसके बाद से लगातार आ रहा हूं। कोरोना महामारी से लड़ाई में हिमाचल देश का चैंपियन बनकर उभरा है। स्वर्ण जयंती के उपलक्ष पर प्रदेश वासियों सहित प्रदेश को विकास की दिशा में अग्रसर करने वालों को बधाई दी।
इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल प्रदेश के दौरे के लिए राष्ट्रपति का अभिन्नदन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि हम हिमाचल प्रदेश के 50 वर्षों के स्वर्णिम वर्षों की यात्रा के इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है, जो राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
Himachal has maintained its democratic legacy :जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की गई प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है तथा विभिन्न नवोन्मेषी योजनाओं और अभूतपूर्व विकास के लिए राज्य ने कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग दो वर्षों में देश के साथ-साथ प्रदेश भी कोरोना महामारी से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम और गतिशील नेतृत्व में देश ने न केवल इस महामारी पर सफलतापूर्वक विजय हासिल की है, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा टीकाकारण अभियान भी चलाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने कोविड-19 टीकाकरण अभियान में 18 वर्ष से अधिक आबादी के पहली खुराक के शत-प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य को हासिल किया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों स्वर्गीय डॉ. यशवन्त सिंह परमार, राम लाल ठाकुर और वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देने के अलावा राज्य की विकास यात्रा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदेश के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य के विकास में योगदान के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल का भी आभार व्यक्त किया।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह विधानसभा देश की पहली कागजरहित विधानसभा है। प्रदेश के विकास में डॉ. परमार और वीरभद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जो अधिकतम समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने सैन्य बलों में हिमाचली युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राष्ट्रपति से राज्य के लिए हिमाचल रेजिमेंट के गठन का आग्रह किया।
Himachal has maintained its democratic legacy : राज्य विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने इस अवसर पर राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने अभिभाषण से प्रदेश विधानसभा की शोभा बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य विधानसभा के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा संभवत: देश की पहली विधानसभा है जिसे सही मायने में ई-विधानसभा कहा जा सकता है। विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, मंत्रीगण, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल ने ‘हू इज हू’ पुस्तक का विमोचन किया
राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र और लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का मन्दिर है। जनप्रतिनिधि लोगों के विचारों और उनकी आकांक्षाओं को विधानसभा के समक्ष रखते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा को सकारात्मक चर्चा का केन्द्र माना जाता है और विचार-विमर्श के माध्यम से ही सकारात्मक परिणाम हासिल किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग संस्कृति और रीति-रिवाज हैं और प्रदेश की इस विविधता को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने विधानसभा द्वारा प्रकाशित ‘हू इज हू’ पुस्तक का विमोचन भी किया और इसकी एक प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य की 50 वर्षों की यात्रा गौरवशाली व उपलब्धियों भरी रही : सीएम
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भारत के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रदेश के लिए बहुत गौरव की बात है कि इस वर्ष को राज्य के स्वर्णिम जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद इस पहाड़ी राज्य की 50 वर्षों की यात्रा गौरवशाली और उपलब्धियों से भरी हुई रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 651 रुपये थी जो वर्तमान में बढ़कर एक लाख 95 हजार हो गई है। इसी प्रकार वर्ष 1971 में प्रदेश में सड़कों की लम्बाई 7370 किलोमीटर थी जबकि आज यहां 37,808 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का नेटवर्क है। वर्ष 1971 में प्रदेश में केवल 4945 शौक्षणिक संस्थान थे जबकि वर्तमान में इनकी संख्या 15000 से अधिक हो गई है। आज प्रदेश में एम्स, आईआईएम, आईआईआईटी जैसे कई राष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट संस्थान हैं। प्रदेश ने इन वर्षों के दौरान कृषि और बागवानी क्षेत्र में आभूतपूर्व विकास किया है।